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ला मार्टीनियर साहित्य महोत्सव

ला मार्टीनियर साहित्य महोत्सव, २०२२ का कवि सम्मेलन पहुँचा सफलता के शीर्ष पर, मोंटफोर्ट कॉलेज, लखनऊ को मिला महोत्सव के सर्वश्रेष्ठ विद्यालय होने का गौरव
अपनी स्थापना के १७६ वर्ष व्यतीत कर चुके ला मार्टीनियर कॉलेज, लखनऊ ने १ सितंबर से ३ सितंबर तक हिन्दी साहित्य महोत्सव, २०२२ का आयोजन किया, जिसमें तीनों दिन वाद-विवाद, आशु-भाषण एवं कविता-पाठ प्रतियोगिताएँ सफलतापूर्वक संपन्न हुईं। देशभर से लगभग चालीस विद्यालयों ने इन प्रतियोगिताओं में आभासी माध्यम से प्रतिभागिता की और अंतिम दिन पुरस्कार भी प्राप्त किए। इस बार लखनऊ के मोंटफोर्ट इंटर कॉलेज ने सम्पूर्ण महोत्सव के सर्वश्रेष्ठ विद्यालय होने का गौरव प्राप्त किया। साहित्य महोत्सव का दूसरा दिन छात्रों, शिक्षकों व पूरे विद्यालय के लिए विशेष उत्साह और आनंद के पल तब लेकर आया, जब सायंकाल ६ बजे एक से बढ़कर एक देश के सुप्रसिद्ध कवियों ने विद्यालय के ऐतिहासिक स्पेंस हॉल के मंच से कवि सम्मेलन ‘संभावना : उर से उरों को जोड़ने की’ में विद्यालय के छात्रावासी छात्रों, शिक्षकों, पदाधिकारियों एवं उपस्थित गणमान्य अतिथियों को हास्य, वीर और शृंगार रस की अद्भुत रस-वर्षा में ऐसा भिगोया कि कार्यक्रम निर्धारित समय से भी अधिक देर तक चलता रहा। सभी अपनी जगह से हिलने का नाम नहीं ले रहे थे। कवि सम्मेलन का प्रारंभ विद्यालय की कक्षा दस के छात्रावासी छात्र ऐन्स्लेम इमेनुएल जोसेफ द्वारा की गई सरस्वती वंदना से हुआ। पूर्व में कई बार निर्णायक बनकर आ चुके स्वर्गीय डॉ निर्मल दर्शन जी की पावन स्मृति को समर्पित उन्हीं का प्रसिद्ध गीत ‘तरुणाई’ विद्यालय की कक्षा सात के विद्यार्थी प्रसिद्ध राघव ने उन्हीं की शैली में प्रस्तुत कर श्रोताओं को भाव-विभोर कर दिया। उभरती युवा कवयित्री पूनम मिश्रा ने मुक्तकों और गीत से सुन्दर शुरुआत की। ओज के सुविख्यात कवि प्रमोद द्विवेदी प्रमोद ने अपने ओजस्वी स्वर में घनाक्षरी छंदों के माध्यम से भारत-भूमि को नमन किया वहीं डॉ अरविंद झा ने अपने छंदो की पिचकारी में हास्य रस भर सभी श्रोताओं को खूब गुदगुदाया। कवयित्री सरला शर्मा अस्मा ने छात्रों के मन को पढ़कर, उनकी आयु के अनुसार उन्हें प्रेरित किया, संदेश भी दिया और प्रेम के हर पक्ष को अपने मुक्तकों और गीतों के माध्यम से उजागर किया। उन्हें छात्रों ने इतना पसंद किया कि उनके काव्य-पाठ के बाद सभी एक साथ अपने-अपने स्थान से खड़े होकर करतल ध्वनि से उनका
अभिनंदन
 
करते रहे। वीर रस के कवि अभय सिंह निर्भीक ने अपनी कविता “आओ हम सब भारत घूमें” के माध्यम से भारत की साहित्यिक, सांस्कृतिक, प्राकृतिक तथा भौगोलिक सुंदर यात्रा अपने सुघड़ शब्दों के माध्यम से करवाई और एक मार्मिक गीत शहीद के पुत्र की भावना व्यक्त करते हुए सुनाया जिसे सुनकर उपस्थित सभी श्रोताओं की आंखें नम हो गई। उनके काव्य-पाठ को भी श्रोताओं ने अपने स्थान पर खड़े होकर तालियों की निरंतरता से सम्मानित किया। विद्यालय के हिन्दी विभाग के शिक्षक जितेन्द्र मिश्र ने भी इस अवसर पर अपने संदेश परक मुक्तक व गीत प्रस्तुत कर छात्रों की खूब तालियाँ बटोरीं। कवि सम्मेलन के संयोजक और संचालक डॉ अमित अवस्थी ने छात्रों को मन की बात लिखने के लिए प्रेरित करते हुए “कोरे कागज़ पर लिखना तुम लिखना मन की बात, साँझ सकारे लिखना या फिर लिखना आधी रात।” सुनाकर मोबाइल पर संदेश टाइप करने के साथ-साथ हाथों से चिट्ठी लिखकर अपनों से संवाद बनाए रखने को कहा। अंत में सम्मेलन के अध्यक्ष, देश के सुप्रसिद्ध हास्य-व्यंग्यकार मुकुल महान ने सरकारी अस्पतालों की खस्ता हालत पर चुटकी लेते हुए प्रशासन को स्वास्थ्य सेवाएँ दुरुस्त रखने का संदेश दिया। उनकी ‘एकतरफ़ा प्रेम’ कविता ने भी लोगों को जी खोलकर हँसने पर मजबूर कर दिया। कार्यक्रम के संयोजक डॉ अमित अवस्थी ने बताया कि
सम्मेलन के विशिष्ट अतिथि चेतना साहित्य परिषद के संरक्षक रत्नेश गुप्ता ने पूरे कवि सम्मेलन में अपनी गरिमामयी उपस्थिति बनाए रखकर सभी का उत्साहवर्धन किया। सम्पूर्ण महोत्सव के मुख्य आयोजक विद्यालय के प्रधानाचार्य कार्लाइल मैक्फॉर्लैंड को उनके सहयोग एवं मार्गदर्शन के लिए आयोजन समिति के छात्रों ने मिलकर सम्मान किया। कार्यक्रम के अंत में सभी का आभार भी प्रधानाचार्य ने व्यक्त किया। कार्यक्रम में ‘राष्ट्रीय प्रस्तावना’ के संस्थापक संजीव कुमार श्रीवास्तव, संपादक हरनाथ सिंह समेत विनोद शंकर शुक्ल, योगी योगेश शुक्ल, डाॅ राजीव वर्मा वत्सल, रचना सिंह, निर्भय नारायण गुप्त, डॉ अवधी हरि, मुकेश कुमार मिश्र, डॉ कीर्ति अवस्थी, उज्ज्वल त्रिवेदी, आरती त्रिवेदी आदि कवि-साहित्यकारों के साथ ही विद्यालय के उप प्रधानाचार्य पी वी कॉलिंस, हिन्दी विभागाध्यक्ष देशबंधु त्रिपाठी, डीन एलेन मॉरिसन, हडसन हाउस मास्टर नीरज श्रीवास्तव, मीडिया विभाग के सहयोगी शिक्षक दुष्यंत कुमार श्रीवास्तव तथा हिन्दी विभाग के शिक्षक एवं शिक्षिकाएँ संजय त्रिपाठी, नागेश कुमार शुक्ला, राजू त्रिपाठी, दुष्यंत शुक्ला, जितेंद्र मिश्र, अनुपमा श्रीवास्तव, साधना श्रीवास्तव, डॉली मिश्रा, सुषमा उपाध्याय, खुशबू मिश्रा, श्रीमती मोहन, जूली सिंह के अतिरिक्त अन्य विभागों के शिक्षक मनोज तिवारी, हितेश केसवानी, कृष्णानंद सिंह विनय मिश्र, नागेशदत्त शर्मा, जे वी एन राव आदि भी कार्यक्रम में अंत तक बने रहे।
 

Posted on: 3 Sep, 2022